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बुजुर्गों के लिए आयुष्मान कार्ड बनवाना हुआ आसान, ये रही प्रक्रिया
केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ अब 70 साल और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों तक भी बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक की सीमा में निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। यदि आप या आपके परिवार में कोई बुजुर्ग है जो इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आयुष्मान कार्ड बनवाना आसान है। यहां इस प्रक्रिया को समझाया गया है:
आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया:
- डिजिटल पंजीकरण:
- मोबाइल एप का उपयोग: बुजुर्गों को अब आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए किसी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने होंगे। वे आसानी से मोबाइल एप के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं।
- आधार कार्ड का उपयोग: पंजीकरण के लिए आधार कार्ड की आवश्यकता होगी। आधार कार्ड के जरिए आपको मोबाइल एप पर पंजीकरण करना होगा।
- आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड: पंजीकरण के लिए आधार कार्ड की जरूरत होगी।
- फ़ोटो और अन्य विवरण: कुछ एप्स में आपको अपनी फोटो और कुछ बुनियादी जानकारी भी प्रदान करनी हो सकती है।
- पंजीकरण की प्रक्रिया:
- एप डाउनलोड करें: आयुष्मान भारत योजना से संबंधित मोबाइल एप डाउनलोड करें।
- डाटा एंटर करें: एप में अपने आधार कार्ड की जानकारी और अन्य विवरण दर्ज करें।
- पंजीकरण पूरा करें: प्रक्रिया पूरी होने पर आपका आयुष्मान कार्ड तैयार हो जाएगा और इसे डाउनलोड किया जा सकेगा।
- कार्ड की प्राप्ति:
- डिजिटल कार्ड: आपका आयुष्मान कार्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध होगा, जिसे आप स्मार्टफोन पर दिखा सकते हैं।
- प्रिंट आउट: यदि आप चाहें, तो कार्ड का प्रिंट आउट भी निकाल सकते हैं।
- पंजीकरण की पुष्टि:
- टोल-फ्री नंबर: अगर आपको किसी भी प्रकार की जानकारी या सहायता चाहिए, तो आप टोल-फ्री नंबर 14555 पर कॉल कर सकते हैं।
नोट:
- नई पंजीकरण प्रक्रिया: अगर किसी परिवार का कोई सदस्य पहले से आयुष्मान भारत योजना का लाभ ले रहा है और परिवार में कोई बुजुर्ग हैं, तो बुजुर्ग के लिए नया कार्ड बनवाना होगा।
- स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ: जो बुजुर्ग केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, वे भी आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं।
निष्कर्ष:
आयुष्मान भारत योजना के तहत बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा कवर मिलती है, जो उन्हें गंभीर बीमारियों के इलाज में बहुत मददगार हो सकती है। इस प्रक्रिया को डिजिटल और सरल बनाया गया है ताकि बुजुर्ग भी आसानी से लाभ उठा सकें।